Northeast घूमने जा रहे हैं तो इन बातों का ध्यान रखना आपके लिए बेहद ज़रूरी है

Photo Courtesy: Postcard Chronicles
Northeast भारत का एक ऐसा क्षेत्र है जिसको लेकर शेष भारत के लोगों के बीच हमेशा उत्सुकता रहती है। शेष भारत से बेहद कम लोग नॉर्थईस्ट के राज्यों में घूमने जाते हैं। जबकी ये इलाका बेहद खूबसूरत है। सेवन सिस्टर्स यानि सात बहनों के नाम से मशहूर नॉर्थईस्टर्न फ्रंटियर का ये इलाक पर्यटकों के लिए कई खजाने अपनी बाहों में समेटे हुए है।

यहां की संस्कृति, हैरिटेज, इतिहास, ट्रेडिशन्स, प्राकृतिक सुंदरता और एडवेंचरस एक्सपीरियंस किसी भी पर्यटक को यहां का दिवाना बना लेते हैं। इन इलाकों में घूम चुके लोग तो यहां तक भी दावा करते हैं कि टूरिज़्म के नज़रिए से देखें तो नॉर्थईस्ट किसी भी मामले में उत्तराखंड और हिमाचल से कम नहीं है। भले ही इस इलाके को जियोपॉलिटिकल कारणों के चलते नॉर्थईस्ट कहा जाता हो, लेकिन इस इलाके के हर राज्य की अपनी अलग संस्कृति है।
अगर आप उन लोगों में से हैं जो Northeast घूमने की योजना बना रहे हैं तो ये तो मुमकिन नहीं है कि आप Northeast के सभी राज्यों को एक ही ट्रिप में घूम सकें। लेकिन कुछ बातें हैं जिनका ध्यान रखना आपके लिए ज़रूरी है जब आप यहां के किसी भी राज्य में घूमने आ रहे हैं तो।
Northeast में आते हैं ये सभी राज्य
जैसा कि ऊपर बता चुके हैं कि नॉर्थईस्ट में 7 राज्य आते हैं जिन्हें हम Seven Sisters यानि सात बहनें कहते हैं। ये राज्य हैं अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और नगालैंड। असम और मेघालय इस इलाके के सबसे पॉप्युलर टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स हैं। हालांकि अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड में भी काफी लोग घूमने के लिए जाते हैं।

किस समय Northeast घूमने जाना चाहिए?
नॉर्थईस्ट घूमने का बेस्ट टाइम अक्टूबर से लेकर अप्रैल है। इस इलाके में ठंड बेहद ज़्यादा पड़ती है। इसलिए ठंड के मौसम में यहां जाने से बचना चाहिए। और अगर आप अरुणाचल प्रदेश घूमने जाना चाहते हैं तो ठंड में इस राज्य में जाने की भूल कतई ना करें। अरुणाचल प्रदेश ठंड के मौसम में बेहद ज़्यादा ठंडा हो जाता है।

साथ ही ये भी ध्यान रखें कि आप बरसात के मौसम में भी इस इलाके में घूमने ना जाएं। इस इलाके में काफी ज़्यादा बरसात होती है और हैवी रेन के चलते इस इलाके की यात्रा काफी दुर्गम और खतरनाक हो जाती है। बाकि समय में आप नॉर्थईस्ट घूमने आराम से जा सकते हैं।
Northeast घूमने जाने में कोई खतरा तो नहीं?
नॉर्थईस्ट घूमने जाते समय इस बात को भी हमें ध्यान में रखने की ज़रूरत है कि यहां के कई इलाकों में कॉनफ्लिक्ट होते रहे हैं। इन कॉनफ्लिक्ट्स की वजहों में हम नहीं जाएंगे। लेकिन आपको ये ज़रूर बताएंगे कि आपको यहां के किन इलाकों में जाने से बचना चाहिए। एक वक्त था जब नगालैंड बेहद खतरनाक जॉन माना जाता था। लेकिन अब नगालैंड पूरी तरह से सुरक्षित है और यहां घूमने जाने में कोई परेशानी नहीं होती है।

भले ही नेशनल मीडिया में इस इलाके को लेकर काफी कुछ निगेटिव भी दिखाया जाता रहा हो, लेकिन यहां के लोकल्स का नज़रिया मीडिया के नज़रिए के ठीक विपरीत है। इनके मुताबिक, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों को छोड़कर पूरा नॉर्थईस्ट सेफ है। हालांकि जो इलाके अनसेफ हैं वहां वैसे भी टूरिस्ट्स को घूमने जाने की परमिशन नहीं मिलती है।

अगर बीते समय को भी देखें तो मणिपुर में ही टूरिस्ट्स के साथ कुछ अप्रिय घटनाएं हुई हैं। यहां के स्थानीय चरमपंथी समूहों ने कुछ पर्यटकों को बंधक बनाया था। कहा जाता है कि छोटे-बड़े मिलाकर मणिपुर में कुल 16 चरमपंथी संगठन हैं। इसलिए बेहतर रहेगा कि नॉर्थईस्ट की यात्रा पर जाएं तो मणिपुर को अवॉइड कर दें।
Northeast जाने के लिए परमिट लेना पड़ता है?
जी हां। भारत के अन्य इलाकों से नॉर्थईस्ट के अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम घूमने आने वाले लोगों को इनर लाइन परमिट लेने की आवश्यकता होती है। अन्य राज्यों में किसी परमिट की आवश्यकता नहीं पड़ती। इनर लाइन परमिट के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन, दोनों तरीकों से अप्लाय किया जा सकता है।

इनर लाइन परमिट लेने के लिए आपको कुछ डॉक्यूमेंट्स देने होंगे जैसे कि पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, आईडी प्रूफ और एड्रसे प्रूफ। ऊपर दी गई तस्वीर में आप देख सकते हैं कि कैसे आप ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीकों से नॉर्थईस्ट के अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम राज्यों में इनर लाइन परमिट के लिए अप्लाय कर सकते हैं।
कैसे पहुंचा जाए Northeast?
नॉर्थईस्ट का गेटवे असम की राजधानी गुवाहाटी है। ये पूरे नॉर्थईस्ट का सबसे डेवल्प्ड शहर भी है। इस शहर पहुंचने का सबसे आसान और बढ़िया तरीका है फ्लाइट। मुंबई, दिल्ली, कलकत्ता और बैंगलौर से गुवाहाटी के लिए रेगुलर फ्लाइट्स हैं। वैसे गुवाहाटी शहर रेलमार्ग से भी शेष भारत से अच्छी तरह से जुड़ा है। लेकिन यहां तक की रेलयात्रा बेहद लंबी और थका देने वाली होती है।

गुवाहाटी में भी कुछ शानदार मंदिर और म्यूज़ियम्स हैं। तो अगर आप चाहें तो अपनी नॉर्थईस्ट यात्रा की शुरूआत यहां से भी कर सकते हैं। एक दिन में ही आप इस शहर की सभी दर्शनीय जगहों को आराम से कवर कर लेंगे।
आगे कैसे पहुंचा जाए?
अगर आप बड़े ग्रुप्स में ट्रैवल कर रहे हैं तो बढ़िया रहेगा कि आप या तो कोई कैब बुक कर लें या फिर कोई सेल्फ ड्राइव कार हायर कर लें। छोटे ग्रुप्स के लोग गुवाहाटी शहर में आसानी से ब्लैक एंड यलो टैक्सी बुक कर सकते हैं। हालांकि उनसे बार्गेनिंग आपको करनी पड़ेगी। अगर आप कपल हैं या दो लोग हैं जो नॉर्थईस्ट यात्रा पर आए हैं तो आप एक बाइक बुक कर सकते हैं। सोलो बजट ट्रैवलर्स के लिए बस सबसे बढ़िया विकल्प है।

ध्यान रखने वाली बात ये है कि बसें नॉर्थईस्ट के मेजर रूट्स तक ही जाती हैं। यहां के गावों तक बहुत ही कम बसें जाती हैं। जबकी नॉर्थईस्ट की असली खूबसूरती यहां के गावों में ही बसती है। साथ ही ये भी ध्यान रखें कि सड़कें यहां एक समस्या है। हालांकि असम और मेघालय में सड़कें ठीक-ठाक हैं। लेकिन बाकी इलाकों में सड़कों की हालत सही नहीं है।
Northeast में कहां जाया जाए?
नॉर्थईस्ट काफी विशाल इलाका है। साथ ही सांस्कृतिक रूप से भी ये इलाका बेहद भिन्न है।
यहां पहुंचना भी काफी चुनौतीपूर्ण है। इसलिए इस इलाके में इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत ज्यादा बढ़िया नहीं है।
नॉर्थईस्ट के सबसे अधिक डेवलप्ड इलाके असम और मेघालय हैं।
यहां पहुंचना भी नॉर्थईस्ट के अन्य राज्यों की तुलना में बेहद आसान है,
और यहां आने के लिए किसी तरह के परमिट की ज़रूरत होती है। ना तो भारतीयों को और ना ही विदेशियों को।

सबसे अधिक चुनौतियां हैं अरुणाचल प्रदेश पहुंचना। पहाड़ी इलाका होने की वजह से यहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर कुछ खास नहीं है। वहीं नगालैंड की बात करें तो पर्यटन के नज़रिए से ये राज्य तेज़ी से उभर रहा है। लेकिन खराब सड़कें यहां भी एक बड़ी समस्या है। मणिपुर में पॉलिटिकल क्राइसिस है तो ये राज्य फिलहाल घूमने के लिए सेफ नहीं हैं।
कैसी होनी चाहिए नॉर्थईस्ट घूमने की प्लानिंग?
वैसे तो नॉर्थईस्ट का टूर करने के लिए टाइम बाउंडेशन होना ही नहीं चाहिए। लेकिन फिर भी टाइम सभी ट्रैवलर्स के लिए चुनौती होता ही है। इसलिए बेस्ट रहेगा कि सभी मुख्य डेस्टिनेशन्स को कवर करते हुए यात्रा की प्लानिंग हो। वैसे भी नॉर्थईस्ट में ट्रैवल करना काफी चैलेंजिंग होता है। नॉर्थईस्ट की यात्रा टाइम कन्ज़्यूमिंग भी होती है। 10 दिन की यात्रा में आप यहां ज़्यादा से ज़्यादा दो स्टेट्स ही घूम सकेंगे।

थोड़ा और ज़्यादा घूमने के लिए कम से कम 20 दिन का समय तो किसी भी टूरिस्ट को निकालना ही पड़ेगा। अगर आप अरुणाचल प्रदेश में घूमने जा रहे हैं तो आप इस राज्य में हर कहीं नहीं आ जा सकते हैं। टूरिस्ट्स के लिए गवर्नेंट ने कुछ रूट्स निर्धारित किए हैं। टूरिस्ट्स केवल इन्हीं रूट्स पर ही आ-जा सकते हैं। तो बेहतर ये होगा कि आप एक यात्रा में एक ही स्टेट घूमने का लक्ष्य रखें। इससे आप उस स्टेट को अच्छी तरह से घूम सकेंगे।
Northeast की Local Cuisine
नॉनवेज खाने वालों के लिए नॉर्थईस्ट किसी हैवन से कम नहीं है।
हालांकि यहां पर पोर्क सबसे अधिक खाया जाता है,
तो पोर्क ना खाने वाले लोगों के लिए थोड़ी समस्या हो सकती है।
लेकिन कुछ जगहों पर अन्य प्रकार के मीट भी मिल जाते हैं।
शुद्ध शाकाहारी लोगों को के लिए ये जगह चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
हालांकि भूखे तो यहां शाकाहारी लोग भी नहीं रहेंगे।
ये बात अलग है कि उनके लिए विकल्प बेहद कम होंगे।
नॉर्थईस्ट के लोग काफी कुछ खाते हैं।
यहां लोग उबली हुई सब्जियां और मांस ही नहीं, सिल्कवर्म भी खाते हैं।
अगर यहां की क्विज़ीन की बात करें तो नगालैंड का स्मोक्ड पोर्क काफी मशहूर है।
मेघालय का जाडोह भी पोर्क से बनी एक डिश है जो काफी पसंद की जाती है।
मणिपुर का इरोम्बा भी इस इलाके में काफी लोकप्रिय है जो कि मछली से तैयार किया जाता है।
बात अगर इस इलाके की भाषा के बारे में बात करें,
तो नॉर्थईस्ट के हर राज्य की अपनी अलग भाषा है।
लेकिन फिर भी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाएं हैं हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली, नेपाली और खासी।

कैसे हैं यहां के होटल्स?
टूरिज़्म अभी भी नॉर्थईस्ट इलाके में अंडर डेवलप्ड है।
इसलिए यहां घूमने आने वाले लोगों को इस बात का ध्यान रखना होगा,
कि नॉर्थईस्ट में उन्हें देश के अन्य इलाकों की तरह आसानी से होटल नहीं मिलने वाले हैं।
हां अगर कोई पांच सितारा होटल्स में रहना अफोर्ड कर सकता है तो उसके लिए ये बढ़िया है।
हालांकि पांच सितारा होटल्स भी यहां हर जगह नहीं हैं।
यहां मिलने वाले होटल्स बेहद नॉर्मल हैं। यहां आप लग्ज़री की उम्मीद मत कीजिएगा।
यहां ठहरने का सबसे बढ़िया ऑप्शन है होम स्टे, जो कि इस इलाके में काफी प्रचलित है।
हालांकि ये भी बेहद बेसिक ही होते हैं।
लेकिन नॉर्थईस्ट की संस्कृति और यहां के लोगों को करीब से जानने के लिए ये बेस्ट ऑप्शन है।
यहां आपको फ्रीक्वेंट पावर कट झेलना होगा।
आपको यहां शॉवर नहीं मिलेगा तो आपको बाल्टी से ही काम चलाना पड़ेगा।
देसी टॉयलेट्स मिलेंगे तो वेस्टर्न टॉयलेट्स की उम्मीद करके जाने वालों को निराशा हाथ लगेगी।
खाने के ऑप्शन्स भी बेहद लिमिटेड होंगे।
और नगालैंड को शाकाहारी खाने वालों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होगा।

कैसी है यहां नेटवर्क कनेक्टिविटी?
यहां के अधिकतर होटल्स में आप वाई-फाई कनेक्टिविटी की उम्मीद तो छोड़ ही दीजिए।
हां, अगर आप 5 स्टार में ठहरे हैं तो तब आपको ये सुविधा ज़रूर मिल जाएगी।
मोबाइल नेटवर्क्स भी यहां बहुत ज़्यादा खास नहीं है।
यहां के दूर-दराज के इलाकों में नेटवर्क अभी नहीं पहुंच सका है।
यहां सबसे बढ़िया कनेक्टिविटी एयरटेल की है।
लेकिन ट्रैवलिंग के दौरान ये भी अधिकतर समय ऑफलाइन ही रहता है।

इस दौरान जाएं तो बढ़िया है
नॉर्थईस्ट के जिस भी राज्य में आप घूमने जाने की प्लानिंग कर रहे हैं,
वहां आप तब जाएं जब स्थानीय फैस्टिवल होने वाले हों।
नॉर्थईस्ट की संस्कृति को करीब से देखने का इससे बढ़िया मौका आपको कोई और नहीं मिलेगा।
बात अगर यहां के सबसे लोकप्रिय फैस्टिवल्स की करें तो नगालैंड का होर्नबिल फैस्टिवल,
असम का बिहू फैस्टिवल, मेघालय का ऑटम फैस्टिवल,
और अरुणचाल का ज़िरो संगीत फैस्टिवल यहां के सबसे प्रमुख फैस्टिवल्स हैं।
